इतिहास प्रश्नोत्तरी – अध्याय 1
फिर से याद करें
प्रश्न 1: सही और गलत बताएं —
(क) जेम्स मिल ने भारतीय इतिहास को हिन्दू, मुस्लिम, ईसाई, तीन काल खंडों में बाँट दिया था।
गलत
जेम्स मिल ने भारतीय इतिहास को हिन्दू, मुस्लिम तथा ब्रिटिश तीन काल खंडों में बाँटा था।
(ख) सरकारी दस्तावेजों से हमें ये समझने में मदद मिलती है कि आम लोग क्या सोचते थे।
गलत
(ग) अंग्रेजों को लगता था कि सही तरह शासन चलाने के लिए सर्वेक्षण महत्वपूर्ण होते हैं।
सही
आइए विचार करें
प्रश्न 2: जेम्स मिल ने भारतीय इतिहास को जिस तरह काल-खण्डों में बाँटा है, उसमें क्या समस्याएं हैं?
जेम्स मिल ने भारतीय इतिहास को तीन काल-खण्डों — हिन्दू, मुस्लिम तथा ब्रिटिश — में बाँटा। उसके अनुसार भारत में अंग्रेजों के आने से पहले यहाँ हिन्दू तथा मुस्लिम तानाशाहों का ही राज चलता था। जेम्स मिल द्वारा भारतीय इतिहास के इस तरह किये गये कालखण्डों के विभाजन में अनेक समस्याएँ हैं, जो निम्न प्रकार हैं —
- यह विभाजन धर्म पर आधारित था जो उचित नहीं है।
- हिन्दू तथा मुस्लिम काल को धार्मिक बैर, जातिगत बन्धन तथा अन्धविश्वासों से भरपूर माना तथा अंग्रेजी शासन को प्रगति तथा सभ्यता का प्रतीक माना।
- इतिहास के किसी दौर को ‘हिन्दू’ या ‘मुसलमान’ कहकर नहीं कहा जा सकता। किसी भी दौर में सभी धर्म एक साथ चलते हैं।
- प्राचीन भारत में भी सभी शासकों का एक ही धर्म नहीं होता था।
- विभाजन का यह आधार स्वच्छंद से बहुत दूर था। इसका उद्देश्य लोगों को विभाजन का झूठा रूप दिखाना था।
प्रश्न 3: अंग्रेजों ने सरकारी दस्तावेजों को किस तरह सुरक्षित रखा?
अंग्रेजों ने सरकारी दस्तावेजों को सुरक्षित रखने के लिए सभी शासकीय संस्थानों में अभिलेख कक्ष बनवाए। उन्होंने तहसील के दफ्तरों, कलेक्टर, कमिश्नर के दफ्तर, प्रान्तीय सचिवालय, कचहरी आदि सभी के लिए उनके यथोचित रिकॉर्ड्स रूप बनवाए, जिनमें सरकारी दस्तावेजों को सुरक्षित रखा जाता था।
महत्वपूर्ण दस्तावेजों को बचाकर रखने के लिए अभिलेखागार (Archives) नामक संस्थाएं भी बनाई गईं। उन्नीसवीं सदी के शुरुआती वर्षों में ‘सुधारकों’ द्वारा दस्तावेजों को कागज बनवाने हेतु भी काम किया गया। बाद में छपाई मशीन के कारण सरकारी दस्तावेजों की अनेक प्रतियां बनाई जाने लगीं।
प्रश्न 4: इतिहासकार पुराने अखबारों से जो जानकारी प्राप्त करते हैं, वह पुलिस की रिपोर्टों में उपलब्ध जानकारी से किस तरह अलग होती है?
इसमें मुख्य अंतर निष्पक्षता का होता है। सामान्यतः अखबार की रिपोर्टें गलत नहीं होतीं। इन रिपोर्टों में घटनाओं का सही विवरण दिया जाता है।
- अखबार घटनाओं को बढ़ा-चढ़ाकर प्रस्तुत नहीं करते हैं। वे घटनाओं का सही, विस्तृत और निष्पक्ष विवरण प्रस्तुत करते हैं।
- पुलिस रिपोर्टों में उपलब्ध जानकारी के पक्षपातपूर्ण होने की सम्भावना होती है। कई बार ये रिपोर्टें वरिष्ठ अधिकारियों को खुश करने के लिए लिखी जाती हैं।
- इन रिपोर्टों में जांच अधिकारी व्यक्तिगत रूप से भी पक्षपात कर सकते हैं।
निष्कर्ष: इतिहासकार केवल पुलिस रिपोर्टों से उपलब्ध जानकारी पर आधारित रहे तो सम्भव है कि गलत इतिहास प्रस्तुत हो।